मैं तुझ से प्यार करता हूँ-I Love You
जिस पर प्रेम(Love) सवार हो, वो सँवर तो जाता है, पर प्रेम में निखर नही पाता, पहले प्रेम होना, फिर दूसरा पढ़ाव होता है, प्रेम पाना.. इन दो परिस्थितियों के बीच इतनी उलझने होती है, जिसका ना कोई उपाय है, ना कोई उपचार है | ऐसी ही लव शायरी उन शायरी प्रेमियों के लिए जो शायरी को अपने व्हाट्सएप स्टेटस, इंस्टाग्राम स्टेटस, फेसबुक, गूगल प्लस आदि पर साझा कर सकते हैं।
स्पर्श (Abutment)!!

स्पर्श !!
यह प्रेम किसी के रहने या ना रहने तक नही है, यह प्रेम तो रूह के रहने तक है,
क्यूँकि हर स्पर्श रूह तक नही पहुँच पाता , इसलिए वो स्पर्श अपने निशान कही ना कही छोड़ जाता है ,
उस अर्धनग्न अवस्था में , छूने से पहले उस स्पर्श को अपनी रूह तक महसूस कर लेना ही, शायद सच्चा ‘प्रेम’ है,
“जैसे छूट गए कुछ निशान विचारों में !!!”
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-kanइश्क़ा
भूत (Ghost)!!!!

प्रेम,
प्रेम, ऐसा
‘भूत’
जो टोने-टोटके और झाड़-फुंक
से भी नहीं उतरता
जिस पर प्रेम सवार हो, वो सँवर तो जाता है, पर प्रेम में निखर नही पाता, पहले प्रेम होना, फिर दूसरा पढ़ाव होता है, प्रेम पाना.. इन दो परिस्थितियों के बीच इतनी उलझने होती है, जिसका ना कोई उपाय है, ना कोई उपचार है ,,,
बस इसीलिए प्रेम ‘भूत’ सा सवार है !!
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-Kanइश्क़ा
दीदार (Seen)

दीदार
हर पल, हर घडी, हर वक़्त तुम्हे यादों में संजोते रहते हैं
की ख्वाबों में ही सही, तुम्हारा दीदार तो हो !!
मलबा !!!(Debris)

मलबा !!!
और फिर उस पर उन्होंने
अपना ‘आशियाना’ बना दिया…
बचपन में कहानी सुनी थी, कि एक घर में रह रहे लोगों को कोई परेशान करता था, वो कोई और नही था, उसी घर में दफ़नाया गया ‘भूत’ था,, ज़ाहिर सी बात है, उस घर पर अपना हक़ समझ परेशान करता था,,
और शायरी पढ़े: जाने कब तक तेरी तस्वीर निगाहों में रही
और इसी कहानी से प्रेरित,, जब किसी की बर्बादी की वजह बन उस ‘मलबे’ पर अपना आशियाना खड़ा करना, तो ‘कर्म’ रूपी ‘भूत’ परेशान करे, ये संभावना हो सकती है,,
तो सतर्क रहें, सावधान रहें !!
Kanइश्क़ा
Love (प्रेम)

Love (प्रेम)
प्रेम !!!
प्रेम निभाना उतना ही मुश्किल, जैसे तेज़ आँधी में अपना सब कुछ बचाना,,
और ..प्रेम होना उतना ही आसान,, जैसे आँधी से पहले वाली हवा लुभाना !!
जिस पर प्रेम सवार हो, वो सँवर तो जाता है, पर प्रेम में निखर नही पाता, पहले प्रेम होना, फिर दूसरा पढ़ाव होता है, प्रेम पाना.. इन दो परिस्थितियों के बीच इतनी उलझने होती है, जिसका ना कोई उपाय है, ना कोई उपचार है ,,,
बस इसीलिए प्रेम ‘भूत’ सा सवार है !!
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-Kanइश्क़ा
I love You

I love You
18.. 22… 25 बस, तब तक ही ये शब्द किसी शख़्स के मुँह से सुनना अच्छा लगता है, ऐसा लगता है बस वो शख़्स ही सारी दुनिया है, और बस ये लुभावना जीवन ही असली जीवन है ..
मगर नही !!!
36.. 40 तक ये सुनना नया तो नही अलग अजीब लगता है, मगर इन शब्दों के मायने बदल जायें तो ??
मतलब, अगर फिर से सगे-संबंधी, यार-दोस्त कहने लगे love you यार … तो इस बार वो आपसे नही आपके काम को प्रोत्साहित कर रहे है …
और जीवन का असली I love you यही है !!
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Kanइश्क़ा
लोग (People)

लोग
‘छोटी सोच’ के साथ ‘बड़ा बनने’
के सपने कैसे देख लेता हैं…. ‘लोग’
Open mind तो सुना ही होगा, अगर विचारों से आप छोटे है तो बड़ा बनना उतना मुश्किल, उतना ही अजीब जितना बिन मौसम बरसात,
ठीक उस बड़े वृक्ष की तरह जो इतना लम्बा है कि फल, फूल तो दूर किसी को छाया भी नही दे सकता..
“पहले विचारों से बड़े बनिए, फिर ओहदे से बड़ा बनने में कोई रोक नही पाएगा !!”
-Kanइश्क़ा
ये चार पंक्तियाँ सिर्फ़ पंक्तियाँ नही है …
ये एक क्रिया है ध्यान की, जिसमें जो नही है हमारे पास, उसे सोच कर कल्पनाओं में जी कर सच की तरह महसूस किया जा सकता है ,
“ठीक वैसे ही सोचो तो है, ओर ना सोचो तो कुछ नही !!
ठीक वैसे ही कि सोचो तो तुम हो, ना सोचो तो तुम हो ही नही !!”
वैसे इस क्रिया को ‘Manifesting’ कहते है, Google कर सकते हैं !
-kanइश्क़ा
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